पोस्ट नंबर: 7
क्षितिज
मैं जानता हूं !
आज भी जब तुम हार जाते हो,
थक जाते हो, खीज जाते हो, अपने से,
तब मेरी ओर आते हो,
सारी दुनिया को छोड़ कर,
किसी समंदर के तट से,
मेरी ओर निहारते हो,
एक अबोध बालक की तरह,
और तब मैं तुम्हें प्रदान करता हूं,
अपार मानसिक ऊर्जा,
अद्भुत उत्साह।
जिसे ले कर,
तुम लौट जाते हो,
एक नई उमंग के साथ।
लेकिन जैसी कि तुम्हारी आदत है,
तुम फिर व्यस्त हो जाते हो,
निर्माण की प्रक्रिया में।
बिना अपने पूर्वजों की हिदायतों को समझे,
इंकार कर देते हो मानने से लक्ष्मण रेखाओं को।
बिगाड़ने लगते हो,प्रकृति के रूप रंग और सौंदर्य को,
अपना तमाम अमूल्य समय बर्बाद करते हो,
आदमी को शैतान और शैतान को कबूतर बनाने में।
गाय को बकरी, ऊंट को खच्चर,
बिल्ली को चूहे का दोस्त और,
चूहे को बिल्ली का थानेदार बनाने में।
युगों का इतिहास है मेरी आंखों में,
अनेक प्रलय देखे हैं मैंने,
देखी है तुम्हारी तस्वीरें,
तुम्हारा भूत और भविष्य,
दोनों मुझसे छुपा नहीं है।
तुम केवल अपने आज,
को देख पा रहे हो,
मैं सत्य हूं और छल भी हूं,
मुझमें अद्भुत आकर्षण है।
तुम किसी एटम बम के सहारे,
मुझको नहीं पा सकते।
तुम्हारा कोई नापाम मुझे जला नहीं सकता,
कोई प्रक्षेपास्त्र मुझे छू तक नहीं सकता।
तुम कितने असहाय हो,
ना मुझे पा सकते हो,
ना छू सकते हो,
तुम्हारी बड़ी से बड़ी कारीगरी को,
मैं हमेशा मुंह चिढ़ाता रहता हूं,
फिर भी तुम्हारी आकांक्षा का केन्द्र,
तुम्हारे आकर्षण का केन्द्र,
मैं क्षितिज,
तुम्हें कभी दुत्कारता नहीं हूं।
आओ मेरी ओर एक बार फिर आओ,
एक ईमानदार कोशिश करो,
मुझे देखने की,
अपनी बंद आंखों से।
जब तुम मुझे अपनी बंद आंखों से,
देखने लगोगे, तब मैं तुम्हें दूंगा,
अपार सुख, अद्भुत शांति,
और असीमित परन्तु नियंत्रित ऊर्जा।
तब तुम,
जैसी कि तुम्हारी आदत है,
एक बार फिर तुम लौटोगे,
नये निर्माण के लिये,
लेकिन तब तुम सृजन कर सकोगे
एक नये युग का।
मैं क्षितिज, युगों पहले था,
आज भी हूं और कल भी रहूंगा,
मैं शाश्वत हूं तुम मुझे, नकार नहीं पाओगे कभी,
जैसे कि हर सत्य को,
आज तक कोई नकार नहीं सका।
शाश्वत बनने के लिए तुम्हें,
आना ही होगा मेरी शरण में,
अनन्त की शरण में।
From the desk of: MAVARK
bahut hi sunder abhivyakti hai pehli baar apka blog dekha hai bahut sunder hai bdhai
ReplyDeleteबहुत सही.....बहुत अच्छी रचना।
ReplyDeleteवाह-भाई वाह
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDelete---
गुलाबी कोंपलें
maza aa gaya..
ReplyDeleteaap to chhaa gaye...thode se hi tym me...