Thursday, March 5, 2009

खून का खुलासा

POST NO. 11

खून का खुलासा
                     

 आइये टिक्‍कू जी , आपको चाय पिलवाते हैं। अरे.....! छुटकऊ जरा बढिया दो प्‍याली चाय बनाओ तो।
हां टिक्‍कू दादा, आप उस दिन तो बिना कुछ बताये चले गये। आज तो कम से कम बता दो, अपने द्वारा किये  खून के बारे में।
टिक्‍कू : चलो भाई वादा किया है तो वो रहस्‍योद्घाटन करना ही पड़ेगा। लो मैं तुम्‍हें बता रहा हूं अपने एक और खून के बारे में। ध्‍यान से सुनो, बोलना मत। अगर बीच में बोल दिये तो उठकर चला जाऊंगा और तुम्‍हारी चाय भी  नहीं पिऊंगा।
टिक्‍कू जी ने आंख बंद कर ली और बोलना शुरू किया :

 !! एक खून और  !! 
क्‍या कभी आपने
किसी का खून किया है ?
एक जीते जागते इंसान को
यादों में बदल कर !
उसके वर्तमान को पूर्णतय: निरर्थक बना कर,
अपनी भावनाओं में ठहराव लाकर,
अपनी सोच को ,
उसके प्रति पूर्ण रूप से निष्क्रिय कर !
आने वाले हर नये दिन में से
उसके प्रत्‍येक अर्थपूर्ण अस्तित्‍व को
निकाल कर,
अपनी दुनिया से उसको
पूर्णत: निष्‍कासित कर।

इस तरह दोस्‍तों मैंने विवशता में ,
एक बार फिर खून कर डाला है।
मरने के बाद जीव कहां जाता है,
दूसरी दुनिया में क्‍या करता है,
हम सबको इससे क्‍या सरोकार ?

आज जब मैंने उसका खून कर डाला है,
तो वो [इसी दुनिया में] कहां जायेगा,
क्‍या करेगा,
मुझे क्‍या सोचना, क्‍या करना ?

उसके प्रति कितना क्रूर व निर्लिप्‍त हूं मैं,
सहसा किसी को विश्‍वास नहीं होगा।
लोग शव का कम से कम आदर तो करते हैं ,
झुक कर पुष्‍प चढ़ाते हैं, कंधों पर ले जाते हैं ,
शव की सद् गति हेतु, अग्नि को समर्पित कर,
किसी भी संभावित दुर्गति से बचाते हैं ।

जबकि मैंने तो उसे मार कर
ऐसे ही छोड़ दिया है,
ताकि मैं देख सकूं उसे ढोते हुये,
स्‍वयं के शव को ।
पुष्‍पों की कौन कहे,
नजर बचा कर उसके नाम पर
थूक देंगे वो लोग,
जोकि आज की परिभाषा में छोटे आदमी हैं,
आम आदमी हैं, सताये हुये आदमी हैं!

मित्रो अब आप ही बतायें,
इस बड़े आदमी के खून का,
क्‍या अंजाम होगा ?
कहां की अदालत होगी ?
और कहां फैसला होगा ?

मैंने तो एक बार फिर,
खून कर डाला है
एक ऐसे आदमी का,
जो बोझ है समाज पर।

अगर तुम भी पहचान सकते हो ,
तो रोज करो एक खून ऐसा ही।
एक खून ऐसा ही।
एक खून ऐसा ही।
एक खून ...........ऐसा .......ही.............।
एक............. खून.................. ऐसा.......................................।

और फिर टिक्‍कू जी बिना चाय पिये चले गये, बिल्कुल चुप गम्भीर और उदास .......।
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From the desk of : MAVARK

3 comments:

  1. वाह !
    खून करने का तरीका जबरदस्त है !
    टरेनिग (TRAINING और सलाह ) दोनो बहुत खूब !
    wonderful.

    मनोहर सिंह

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  2. क्या क्या न सीख जायेंगे ब्लॉगजगत में आ कर. :)

    आपको होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
    सादर
    समीर लाल

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  3. आप सब का आभार ! आप सभी को होली की बहुत बहुत शुभ
    कामनाये!

    Kindly visit Post No. 12

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