Friday, August 29, 2014

POST No.-- 23

                                 


                                                                  


                        !! नयी  सोच की  ओर !!





                 आज इस बात की आवश्यकता है कि हम अपने पूर्वजों के अद्भुत प्रयोगों और तजुर्बों को आज के सन्दर्भ में अध्यन करें और भारत को समृद्ध एवं गौरवशाली बनाने हेतु अपने नौनिहालों की परवरिश का पक्का इंतजाम करें !
( I mean to say '' All must be seriously analysed in view of existing living conditions and social environment '' for the best and guaranteed results .)
                 बाहिरी दुनिया व आधुनिक संसाधनों को बिना समझे , अत्यंत आरामदायक स्कूल, लग्जरी आवास ( जैसे आज का वातानुकूलित डे बोर्डिंग स्कूल - हॉस्टल ) का आदी बना देने के बाद जब वो ( आज का बच्चा / नवयुवक / स्ट्डेंट इस लायक नहीं बन पाता कि वह स्वयं अपने बल पर वैसा ही कमा सके तो वह भ्रष्ट तरीकों / क्रिमिनल प्रयोगों कि तरफ मुड़ जाता है ! अस्तु !! 

(नीरेश शाण्डिल्यायन)

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